जैसा कि आप सभी तो जानते हैं कि भारत और जिंबाब्वे के बीच हरारे स्पोर्ट्स क्लब स्टेडियम पर एक टीम जहां सीरीज जीतने के लिए मैदान पर उतरी तो दूसरी टीम सीरीज को बचाने के लिए और दोस्तों यहां पर सीरीज को बचाने वाली टीम
यानी कि जिंबाब्वे यहां टॉस जीतकर पहले
बल्लेबाजी करने का फैसला चुनती है जहां
पहले बल्लेबाजी करते हुए जिंबाब्वे की टीम
ने आज ऐसा प्रदर्शन भारत के खिलाफ करके
दिखा दिया कि मैच अंतिम ओवर तक पहुंचा और भारत के जीतने के चांसेस ना के बराबर थे
लेकिन फिर जो चमत्कार हुआ उसके बाद हर
किसी के होश उड़ गए दरअसल दोस्तों यहां
जिंबाब्वे की टीम जब बल्लेबाजी करने के
लिए उतरी तो उनकी तरफ से विजली मेदवेद व
नेश मरु मनी ने पारी की शुरुआत की जहां
दोनों बल्लेबाजों ने पहले शुरुआत करते हुए
जिंबाब्वे की टीम को 50 रन की साझेदारी
सौंपी इस दौरान जिंबाब्वे लगातार आगे
बढ़ती चली जा रही थी और भारत के
खिलाड़ियों पर टेंशन बढ़ रही थी कि आखिर
इन बल्लेबाजों को आउट कैसे किया जाए और
यहां तद वनस्ट मरु मनी ने 39 रन जड़ दिए
थे लेकिन तभी गेंदबाजी पर सातवा ओवर
करवाने ने आए रवि बिश्नोई ने पहला बड़ा
झटका जिंबाब्वे की टीम को दिया जब मरु मनी
39 रन बनाकर आउट और अपनी इस पारी में
उन्होंने पांच चौके और दो भी लगाए
जैसा कि आप सब यहां पर स्कोर कार्ड में भी
देख सकते हो हालांकि यह पहला बड़ा झटका लग
जाने के बाद जिंबाब्वे की टीम अब यहां से
लड़खड़ाते हुई नजर आने लग गई अब तीसरे
नंबर पे बल्लेबाजी करने उतरे ब्रायन बेनेट
जहां विजली मेदव और ब्रायन बेनेट मिलकर
साझेदारी को आगे बढ़ा पाते उससे पहले ही
जिंबाब्वे को दूसरा बड़ा झटका भी रवि
विश्नोई ने इसी सातवें ओवर में दिया जहां
अंदर आती हुई गुगली गेंद को विजली मेदवी
समझ नहीं पाए और सामने की तरफ शॉट खेलने के लिए चले गए और 46 रन की पारी उनकी भी
यहीं समाप्त हुई और दो बड़े विकेट गिर
जाने के बाद जिंबाब्वे की टीम पर अब दबाव
बनता चला गया टीम इंडिया ने वापसी कर ली
और इस दौरान ब्रान बेनेट और योन मेयर्स का
विकेट जल्द से जल्द लेना बहुत जरूरी था
तभी ब्रान बेनेट को आवेश खान ने अपने जाल
में फंसाया जो कि इस मुकाबले में मात्र
चार रन बनाकर ही आउट हुए तो वहीं ब्रान
बेनेट के आउट हो जाने के बाद बल्लेबाजी पर
उतरे कप्तान सिकंदर रजा लेकिन यहां डिओन
मेयर्स और सिकंदर रजा मिलकर साझेदारी आगे
बढ़ा पाते उससे पहले ही चौथा बड़ा झटका भी
जिंबाब्वे की टीम को लग गया और डोन मेयर्स
मात्र 11 रन ही बना पाए और यहां टीम
इंडिया ने जिंबाब्वे की टीम को अब एक तरफा
मुकाबले में हराने की प्लानिंग कर ली थी
यहां पर हर कुछ भारत के हित में चल रहा था
अब ऐसा लगने लगा कि टीम इंडिया जिंबाब्वे
को अब 150 रन के पार तो पहुंचने नहीं देगी
लेकिन दोस्तों असली मैच जो चालू हुआ वो
यहीं से ही हुआ जब सिकंदर रजा और जोनाथन
कैंपबेल बल्लेबाजी कर रहे थे तो दोनों
बल्लेबाजों ने हार नहीं मानी मात्र 21
गेंदों में 50 रन की साझेदारी वो भी हमारे
टॉप नंबर के गेंदबाजों के आगे कर डाली और
भारतीय कप्तान सुम्मन गिल ने सारी
रणनीतियां बना ली इनको आउट करने की लेकिन ना तो सिकंदर रजा का विकेट गिर कर दे रहा था और ना जोनाथन कैंप बेल आउट हो रहे थे और दोनों बल्लेबाजों ने भारतीय गेंदबाजों
की कमर तोड़कर रख दी इस दौरान सिकंदर रजा ने जहां अर्ध शतक जड़ते हुए 75 रन बनाए तो
वहीं उनका साथ निभाने वाले जॉनाथन कैंपबेल
ने 50 रन की पार खेली जिसके चलते
जिंबाब्वे की टीम इस मुकाबले में पांच
विकेट के नुकसान पर 20 ओवर में 227 रन
बनाने में कामयाब हो सकी और भारत के आगे
लक्ष्य रखा 228 रन का अब दोस्तों भारत के
लिए तो सबसे ज्यादा तीन विकेट रवि बिश्नोई
के नाम रहे तो एक-एक विकेट मुकेश कुमार और आवेश खान को मिला अब दोस्तों बारी थी
भारतीय बल्लेबाजों की इस मैदान पर चमत्कार
कर दिखाने की हालांकि दोस्तों भारतीय
गेंदबाजों के मन में यह जरूर था कि इस पिच
पर अब बल्लेबाजों से ज्यादा गेंदबाजों को
मदद मिलेगी क्योंकि यहां पर टॉस जीतकर
बल्लेबाजी करने का पहला फैसला जिंबाब्वे
की टीम ने इसीलिए लिया था अब भारत की
शुरुआत इतनी खराब हो गई कि टीम इंडिया के
जीतने की चांसेस इस मुकाबले में ना के
बराबर हो गए हुआ यह था कि जब भारत के लिए पारी की शुरुआत सुमन गिल और यशस्वी जैसवाल करने के लिए उतरे तो यहां पर पहला बड़ा झटका भारतीय टीम को कप्तान सुमन गिल के रूप में लगा जी हां दोस्तों पहला ओवर
जिंबाब्वे के लिए करवाने आए वेलिंगटन मजाक
ने फुल लेंथ की गेंद पर सुमन गिल को छका
दिया और यहां डीप कवर्स की लाइन पर खड़े
ब्लेस सिं मुजर बानी ने यह शानदार कैच
पकड़कर अपनी टीम की वापसी करवाई और यहां सुमन गिल मात्र पांच रन बनाकर ही आउट हो गए अब पहला बड़ा झटका कप्तान के रूप में लग जाने के बाद टीम इंडिया पूरी तरह से इस
मुकाबले में पिछड़ चुकी थी क्योंकि दूसरा
विकेट गिरने में भी भारत का टाइम नहीं
लगाओ और तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी करने के
लिए उतरे यहां अभिषेक शर्मा मात्र 11 रन
बनाकर ही आउट हो गए अब यहां टीम इंडिया पर दबाब बढ़ता चला जा रहा था भारत के खिलाड़ी एक के बाद एक फ्लॉप साबित हो रहे थे और मैच जीतने की उमी उमी तो ना के बराबर हो चुकी थी अब बल्लेबाजी करने के लिए चौथे
नंबर पर भेजा गया ऋतुराज गायकवाड़ को
लेकिन दोस्तों यहां ऋतुराज गायकवाड़ भी
क्या कर पाते वो भी अपनी टीम के दबाव को
झेल नहीं पाए और यहां मात्र 16 रन बनाकर
आउट हुए और ऋतुराज का विकेट गिर जाने के
बाद यशस्वी जैसवाल भी एक छोर पर काफी
परेशान दिखाई दे रहे थे ऐसा लग रहा था कि
हर दूसरी गेंद पर उनका विकेट गिरने ही
वाला है लेकिन वो तो अपने आप को संभाल रहे
थे लेकिन सामने बल्लेबाज अपने आप को नहीं
संभाल पा रहे थे लेकिन यहां पर यशस्वी
जैसवाल और संजू सैमसन पर अब पूरा दारोमदार था अपनी टीम के लिए ज्यादा से ज्यादा रन जोड़ने का लेकिन दोस्तों किसी को क्या ही पता था कि यशस्वी जैसवाल का विकेट भारतीय टीम के लिए सबसे बड़ा झटका साबित होगा और 24 रन बनाकर उनको भी ब्लेसिंग मुजर बानी ने ही अपने जाल में फंसाया और फुल लेंथ की गेंद पर यशस्वी जैसवाल 11वें ओवर में पुल शॉट लगाने के लिए गए और कैच सीधे हाथों में सिकंदर रजा के थमा बैठे और यह विकेट
गिर जाने के बाद अब भारत की उम्मीदें टूट
चुकी थी अब मैदान पर भारत के मसीह रिंकू
सिंह ब बल्लेबाजी के लिए उतरे जहां संजू
सैमसन और रिंकू सिंह पर पूरा भारत देश
निगाह ताके बैठा था कि अब यह दोनों
बल्लेबाजी कुछ कारनामा कर सकते हैं अब
यहां दोनों बल्लेबाजों ने मिलकर साझेदारी
को आगे बढ़ाया इस दौरान भारतीय टीम अंतिम
ओवर तक मुकाबला लेकर पहुंची इस बीच बस
रिंकू सिंह का बल्ला ताबड़तोड़ अंदाज में
चल रहा था और दूसरी तरफ संजू सैमसन एक दो रन भागकर और कभी जब अच्छी गेंद उनको मिल रही थी तो वो बाउंड्री लगाकर रिंकू सिंह
का साथ निभा रहे थे और इसी के साथ मैच
पहुंच गया अंतिम ओवर में जहां भारत की टीम
को मैच जीतने के लिए छह गेंदों में 26 रन
की जरूरत थी अब अंतिम ओवर करवाने के लिए जिंबाब्वे की तरफ से रिचर्ड नगार वा को
भेजा गया जहां रिचर्ड नगार वा ने पहली
गेंद वाइड डाल दी जिस पर एक रन एक्स्ट्रा
मिल गया अगली गेंद पर संजू सैमसन को वाइड
योर्क डालने की कोशिश रिचर्ड नगार वा ने
की लेकिन यहां गेंद को ऑनसाइड की तरफ
खेलते हुए चौका संजू सैमसन ने बटोर लिया
अब भारत की टीम को मैच जीतने के लिए पांच
गेंदों पर 21 रन चाहिए थे जहां अगली गेंद
संजू सैमसन से मिस हो गई और फिर तीसरी
गेंद पर संजू सैमसन ने सामने की तरफ
जड़ दिया और यहां अब भारत की टीम बिल्कुल
जीत की दहलीज पर पहुंच गई जहां भारतीय टीम को अब तीन गेंदों पर 15 रन मैच जीतने के
लिए चाहिए थे इस दौरान रिचर्ड नगार वा ने
यॉर्कर लेंथ की गेंद संजू सैमसन को करवाई
जो कि वाइड भी थी और एक रन एक्स्ट्रा संजू
सैमसन ने चतुराई दिखाते हुए भाग लिया और
यहां तीन गेंदें शेष बची हुई थी और भारत
को जीतने के लिए 13 रन चाहिए थे अब रिंकू
सिंह स्ट्राइक पर आ चुके थे जहां रिंकू
सिंह ने चौथी गेंद को डीप कवर्स के ऊपर से
में तब्दील कर लिया और फिर पांचवीं
गेंद फिर से रिचर्ड नगार वा ने वाइट डाल
दी जिसके चलते अभी भी दो गेंदें बची हुई
थी और छह रन मैच जीतने के लिए चाहिए थे
लेकिन दोस्तों किसी को क्या ही पता था कि
रिंकू सिंह बैकवर्ड पॉइंट की तरफ शॉट
लगाने के लिए पांचवीं गेंद पर जाएंगे और
वो गेंद मिस हो गई अब यहां भारत की सांसे
अटक गई क्योंकि दोस्तों एक गेंद बची हुई
थी और मैच जीतने के लिए छह रन चाहिए थे
रिंकू सिंह पहले से ही तैयार थे संजू
सैमसन ने उनको समझाया कि आप किधर की तरफ शॉट खेलिए और संजू सैमसन का कहा सुनने के बाद रिंकू सिंह ने डीप मिड विकेट के ऊपर से जड़ते हुए भारतीय टीम को अंतिम
ओवर की अंतिम गेंद पर यह मुकाबला जिता
दिया जहां इस दौरान रिंकू सिंह ने अपना
शतक भी पूरा किया और अपना शतक पूरा करते हुए रिंकू सिंह ने 113 रन बनाए तो वहीं
उनका साथ निभाने वाले संजू सैमसन ने 57 रन
की पारी खेली जिसके चलते भारत की टीम इस
मुकाबले को जीतने में कामयाब रही वहीं हम
आपको बता दें कि भारत और जिंबाब्वे के बीच
खेला गया यह चौथे टी-20 मुकाबले का इंट्रा
स्क्वाड और अभ्यास त्र का मैच है जिसमें
भारत की जीत हुई है बाकी अब आप सभी की
क्या राय है
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