अजय टीम आईसी t-20 वर्ल्ड कप के फाइनल मैच के लिए क्वालीफाई की और यह मुकाबला
बारबाडोस के ऐतिहासिक मैदान पर खेला गया
जहां बारिश की वजह से मैच कभी रुक रहा था
तो कभी हो रहा था और यहां बार-बार ग्राउंड
स्टाफ को इतनी मेहनत करनी पड़ रही थी किसी
भी हाल में इस मुकाबले को आज समाप्त करने
के लिए लेकिन दोस्तों बारिश टस से मस होने
का नाम ही नहीं ले रही थी और अंत में जब
बारिश रुकी तो देर रात में मुकाबले को
शुरू करना पड़ा जहां एंपायर ने ने फैसला
किया कि मात्र पांच-पांच ओवर का मुकाबला
भारत और साउथ अफ्रीका के बीच खेला जाएगा
और दोस्तों इस मुकाबले की शुरुआत यहां
भारतीय कप्तान रोहित शर्मा के टॉस जीतने
के साथ हुई जहां उन्होंने टॉस जीतकर पहले
गेंदबाजी करने का फैसला किया और साउथ
एफ्रीका की टीम जब बल्लेबाजी के लिए उतरी
तो उनकी तरफ से ताबड़तोड़ बल्लेबाजी करने
के लिए क्विंटन डिकॉक के साथ रिजा ड्रिक्स
उतरे जहां दोनों बल्लेबाज पहले से ही अपना
इरादा बना चुके थे कि भारत के किसी भी
गेंदबाज को छोड़ना नहीं है चाहे विकेट भले
पूरे ही क्यों ना गिर जाए इन पांच ओवर में
और इसीलिए ना रिजा ड्रिक्स और क्विंटन
डीकॉक ने पहली गेंद से चौकों की
बरसात करना शुरू कर दिया क्विंटन डीकॉक ने
पहली गेंद को कवर्स के ऊपर से उड़ाते हुए
बटोरा और दोस्तों पहले एक ओवर में
27 रन बन जाने के बाद यहां साउथ अफ्रीका
के हौसले बुलंद हो चुके थे दोनों बल्लेबाज
ताबड़तोड़ बल्लेबाजी ऐसी जारी रखे हुए थे
लेकिन जब दूसरा ओवर करवाने के लिए अर्शदीप सिंह के बाद जसप्रीत बुमरा आए तो इसी ओवर की पांचवी गेंद पर जसप्रीत बुमरा ने रिजा ड्रिक्स को आउटसाइड ऑफ गेंदबाजी करवाई और गेंद बल्ले का मोटा किनारा लेती हुई सीधा रिषभ पंत के हाथों में जा समाई जहां रिजा हेंड्रिक्स की पारी 25 रन की यही समाप्त हुई वो भी मात्र सात गेंदों में अब रिजा हेंड्रिक्स का विकेट गिर जाने के बाद मैदान पर तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी करने के लिए आए कप्तान एडन मार्क्रम जहां क्विंटन डिकॉक और एडन मार्क्रम स्कोर को आगे बढ़ा पाते हैं उससे पहली 32 रन बनाकर खेल रहे क्वेंटिन डिकॉक को तीसरा ओवर करवाने के लिए आए कुलदीप यादव ने अपने ने जाल में फंसा लिया और क्विंटन डीकॉक का विकेट जैसे ही गिरा यहां पर साउथ अफ्रीका की पारी फिर पूरी तरह से कोलैक्स हो गई इस दौरान एडन मार्क्रम ने जहां 11 रन बनाए लेकिन एडन मार्क्रम का साथ कोई भी बल्लेबाज निभा नहीं पाया इस बीच हेनरी क्लासेन ने नौ रन बनाकर टीम को मजबूती प्रदान की लेकिन डेविड मिलर ने अंत में जाकर मैच को संभाला
जहां डेविड मिलर ने चौकों की बरसात
करते हुए यहां 18 रन जुटा लिए वो भी मात्र
सात गेंदों में और डेविड मिलर की बदौलत
साउथ अफ्रीका की टीम 97 रन बनाने में
कामयाब रही इस बीच साउथ अफ्रीका के
बल्लेबाजों ने तो 98 रन का लक्ष्य भारत के
बल्लेबाजों के आगे रख दिया था अब यहां
साउथ अफ्रीका की गेंदबाजी को इतना भी
हल्के में लिया नहीं जा सकता क्योंकि साउथ
अफ्रीका बखूबी जानता है कि इस मैच को वह
आसानी से जीत सकते हैं बस शुरुआत के विकेट रोहित शर्मा कोहली के रूप में अगर मिल
जाएं तो भारत की टीम जीत पक्की कर लेगी
हालांकि आपको हम बता दें कि इस मुकाबले
में जहां कुलदीप यादव ने एक विकेट हासिल
किया तो जसप्रीत बुमरा को दो विकेट मिले
बाकी आप स यहां पर स्कोर कार्ड में भी देख
सकते हो लेकिन दोस्तों अब यह तो डर बन
चुका था कि गेंदबाजों को भी यहां पर अच्छी
खासी पिच से मदद मिल रही है और भारत के
बल्लेबाजों को इतना भी आसान नहीं होगा कि
98 रन का स्कोर वो पांच ओवर के भीतर चेज
कर लें इस दौरान पारी की शुरुआत टीम
इंडिया की तरफ से रोहित शर्मा और विराट
कोहली ने एक बार फिर से की जहां दोनों
बल्लेबाजों से चमत्कार की उम्मीद की जा
रही थी लेकिन दोस्तों यहां पर टीम इंडिया
को पहला बड़ा झटका विराट कोहली के रूप में
लगा जी हां दोस्तों विराट कोहली अपना
फॉर्म इस टी-20 वर्ल्ड कप में बरकरार रख
नहीं पाए और विराट कोहली पारी के पहले ही
ओवर की पांचवीं गेंद पर मात्र दो रन बनाकर
आउट हुए अब दोस्तों विराट कोहली जैसे महान
बल्लेबाज का विकेट जैसे ही मार्को नसन ने
लिया तो भारत के ऊपर संकट के बादल मंडराने
लग गए क्योंकि दोस्तों अब यहां से जीत
थोड़ी मुश्किल नजर आ रही थी अब यहां रोहित
शर्मा का साथ निभाने के लिए तीसरे नंबर पर
बल्लेबाजी के लिए रिषभ पंत को भेजा गया
जहां ऋषभ पंत और रोहित शर्मा ने मिलकर
साझेदारी को आगे बढ़ाना शुरू किया लेकिन
दोस्तों रोहित शर्मा एक बार फिर से उसी
जाल में फंस गए जिसमें बार-बार उनको अब
गेंदबाज फंसाते हुए नजर आ रहे हैं जी हां
दोस्तों यहां तबरेज शमसी ने दूसरे ओवर में
लेग ब्रेक गेंद करके भारत को यह दूसरा
बड़ा झटका दिया जहां रोहित शर्मा एक बार
फिर से आउटसाइड ऑफ की तरफ खड़े डेविड मिलर को कैच दे बैठे और यहां रोहित शर्मा की
पारी भी 16 रन पर ही समाप्त हो गई अब भारत
की टीम को दो बड़े झटके लग चुके थे और टीम
इंडिया उम्मीद खो बैठी थी इस मुकाबले को
जीतने की लेकिन दोस्तों अब सूर कुमार यादव
और ऋषभ पंत ने एक छोर से मोर्चा संभालने
की कोशिश की लेकिन दोस्तों यहां पर ऋषभ
पंत जो कि शुरुआत में तो अच्छी लय में नजर
आए थे लेकिन आज के मुकाबले में भी वो अपना वह प्रदर्शन नहीं दिखा पाए कगिसो अवाड़ा
के आगे जिसके लिए उनको जाना जाता है और
ऋषभ पंथ के रूप में टीम इंडिया को तीसरा
बड़ा झटका लगा जहां ऋषभ पंत 13 रन बनाकर आउट हुए और पंत के आउट हो जाने के बाद अब भारत के लिए अंतिम उम्मीद बने हुए थे सूर्य कुमार यादव और हार्दिक पांड्या जहां दोनों बल्लेबाजों पर पूरा दारोमदार था अपनी टीम के लिए कैसे भी करके मैच को जिताने का अब इस बीच हार्दिक पांड्या और सूर्य कुमार यादव मैच को अंतिम ओवर तक ले जा पहुंचे जहां भारत को जीतने के लिए अंतिम छह गेंदों में 19 रन की जरूरत थी और अंतिम ओवर करवाने के लिए सबसे बड़ा दाव
एडन मार्क्रम ने यह खेला कि उन्होंने केशव महाराज को भेज दिया और यहां केशव महाराज की गेंदों पर बड़े शॉट लगा पाना मुश्किल ही नहीं बिल्कुल नामुमकिन माना जाता है और यहां पहली गेंद को सूर कुमार यादव ने फेस किया जहां सूर कुमार यादव से ये गेंद मिस
हो गई और कोई रन नहीं मिला फिर अगली गेंद
पर केशव महाराज ने वाइड स्पिन रकर डालने की कोशिश की लेकिन दोस्तों वहां भी मात्र
भारत की टीम को एक रन ही मिल पाया अब यहां स्ट्राइक पर हार्दिक पांडे आ चुके थे और
चार गेंदें बची हुई थी और भारत को जीतने
के लिए 18 रन चाहिए थे अगली गेंद पर
हार्दिक पांड्या ने अपना तेज तरार बल्ला
चलाते हुए डीप मिड विकेट के ऊपर से
को ढकेल दिया और यहां भारत को अब तीन
गेंदों पर 12 रन जीतने के लिए चाहिए थे
अगली गेंद हार्दिक पांड्या ने पूरे फोकस
के साथ सामने उड़ा दी और यहां भारत की टीम
को अब मैच जीतने के लिए भारतीय टीम को दो
ग गेंदों पर छह रन चाहिए थे लेकिन दोस्तों
हार्दिक पांड्या से सबसे बड़ी गलती यह हो
गई कि पांचवीं गेंद उनसे मिस हो गई जी हां दोस्तों केशव महाराज ने चतुराई से गेंदबाजी करवा के लेग ब्रेक गेंद करी और इसका खामियाजा यह हुआ कि गेंद मिस होने के साथ भारत की टीम की मुसीबतें भी बढ़ा गई क्योंकि दोस्तों अब एक गेंद शेष बची हुई थी स्ट्राइक पर हार्दिक पांड्या थे और हार्दिक पांड्या को अब एक गेंद पर जड़ना बेहद ही जरूरी था तभी टीम इंडिया मुकाबले में जीत हासिल कर पाती और दोस्तों
उम्मीद तो हर किसी को अ यही लग थी कि भारत की टीम अब अंतिम गेंद पर लगा नहीं पाएगी क्योंकि केशव महाराज इनको यॉर्कर लेंथ गेंद करके शायद हो सकता है बोल्ड आउट करने के लिए जाएं और दोस्तों केशव महाराज ने भी अपने खिलाड़ियों से सला मशवरा किया
और फैसला किया कि वो यॉर्कर लेंथ पर गेंद
करेंगे लेकिन थोड़ा रुक कर और यहां केशव
महाराज अपने लक्ष्य पर कामयाब हो ही जाते
लेकिन दोस्तों तभी हार्दिक पांड्या ने जड़
में से निकालते हुए गेंद को डीप मिड विकेट
के ऊपर से ढकेल दिया जिसके चलते भारत की
टीम इस शानदार मुकाबले में जीत हासिल कर
पाने में कामयाब हो सकी वहीं हम आपको बता
दें कि इस मुकाबले में हार्दिक पांडे और
सूर कुमार यादव अगर टीम इंडिया के लिए
बल्लेबाजी का मोर्चा नहीं संभालते तो शायद
टीम इंडिया इस मुकाबले को जीत ही नहीं
पाती और वैसे भी साउथ अफ्रीका की टीम ने
जो इतना बड़ा विशाल पहाड़ जैसा लक्ष्य
भारत के आगे रखा या टीम इंडिया की जीत
नामुमकिन सी नजर आ रही थी और भारत की टीम सभी के योगदान से शानदार जीत हासिल करने में कामयाब रही वहीं हम आपको बता दें कि इस मुकाबले में जहां हार्दिक पांड्या ने 41 रन बनाए तो सूर कुमार यादव ने 24 रन की पारी खेली और इस मुकाबले को जिताने का असली मेन काम तो हार्दिक पांड्या ने किया
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