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PBKS VS CSK:पंजाब से सी एस के ने लिया बदला ।

बुरे वक्त की सबसे अच्छी बात ये होती है की बुरा वक्त जो है वो वक्त के साथ बदल जाता है।सी एस के का भी बुरा वक्त बदल गया वो सी एस के जो पांच बार की चैंपियन है। वो धोनी जिनके बारे में कहा जाता है की वो अनहोनी को भी होनी कर देते।गजब का बुरा वक्त आया था यार मतलब बेक टु बेक मैचेस में हार होने लगी। प्लेऑफ को लेकर बड़ा सवाल उठने लगा। पहले लखनऊ ने आकर घर में पीटा फिर पंजाब ने आकर घर में सूता लेकिन अब माही की सी एस के ने कहा की भाई साहब एनफ इस एनफ हम पुराने खिलाड़ी यार आप ऐसे डिसस्पेक्ट नहीं कर सकते। माना किसको? बोर्ड पर केवल 100 सड़सठ रन थे और सामने वो पंजाब थी जो 250 प्लस चेस करने का मादा रखती थी।लेकिन धोनी की शानदार विकेटकीपिंग ऋतुराज और धोनी की कप्तानी और उसका असर ये रहा कि पंजाब को सी एस के ने 28 रन से हरा दिया।गजब का मैच था, बहुत ही क्लोज़ मैच था। इस मैच के देखते वक्त इंडियन क्रिकेट फँस जो थे वो भी सातवें आसमान पर थे क्योंकि जीतने जीतने प्रोब्लम्स हमें हो रही थी। ऐसा लग रहा है कि प्ले ऑफ आते आते वो सारे बॉक्सेस सही जगह फिट होते जा रहे हैं। रवींद्र जडेजा ने कमा ली गेंदबाजी की चार ओवर 20 रन तीन विकेट और जब जद्दू बल्लेबाजी करने आए थे तब जद्दू ने बल्लेबाजी भी वो की जिसे देख कर सारी दुनिया ने कहा कि यार चीते की चाल, बांस की नजर और रवि जडेजा पर डाउट नहीं करने का एक लो स्कोरिंग मैच में जडेजा ने 26 बॉल पे तिरालीस रन बनाए और उनकी बल्लेबाजी का असर था कि सी एस के ने जैसे तैसे डेढ़ 100 का आंकड़ा पार कर लिया। 167 वास् नॉट एनफ पिछले मैचेस में पंजाब की बल्लेबाजी देखते हुए और सी एस के की बोलिंग लाइन अप को देखते हुए क्योंकि सी एस के बॉलिंग लाइन अप में आज बोलर्स थे ही नहीं।आप देखेंगे, आपको पथराना नजर नहीं आएँगे आपको मुस्तफिजुर नज़र नहीं आएँगे। आपको श्रीलंका के और बोलर्स नज़र नहीं आएँगे, लेकिन इन सबके बाद धोनी ने आज अपनी को टेस्ट किया और बैंचिस्टरिंग ने धोनी को निराश नहीं किया। सेंटनर आए शुरुआत के दो ओवर में चार रन या तीन रन देकर गए। तीन ओवर में वो 10 रन देते हैं। शानदार विकेट निकाला और।इसके अलावा जडेजा।ये बताया की जब सिचुएशन टफ से टफस्ट हो जाती है तब जडेजा सामने आते है। बीते साल आई पी एल जिताया था। वैसे बीते साल आई पी एल फाइनल से काफी चीजे रिलेटिव थी। आज के मैच में धोनी जो थे वो पहले आते ही आउट होके चले गए थे। उस बार भी धोनी आते चले गए थे। उस बार भी मैं जडेजा ने जिताया था। ये वाला मैच भी जो प्लेऑफ से बाहर करने के लिए काफी था, वहाँ पर भी जडेजा ने शानदार गेंदबाजी की और सिमरजीत सिंह ने भी कमाल की गेंदबाजी की। सिमरजीत सिंह वैसे तो सरदार है लेकिन आज कहा की भाई कॉपीराइट थोड़ी ना है। खाली पंजाब में सरदार होंगे, हम सी एस के सरदार है और सी एस के सरदार जो था वो जबरदस्त सरदार था। इसका असर ये था की सी एस के ने पंजाब किंग्स को 1115 दिन के बाद हराया। सी एस के एक बार फिर से पॉइंट्स टेबल में तीन नंबर पर चली गई है। लेकिन बड़ी बात ये है की इस टीम में ना कॉन्वे थे, ना चेहर थे, ना मस्तफजूर थे, ना पथराना थे।सेंटनर और सिमर्जित सीज़न का पहला मैच खेल रहे थे। सिर्फ 100 सड़सठ रन बने थे और सिक्स सड़सठ को आसानी से डिफेंड कर दिया गया, जो शायद ऋतूराज और धोनी के लिए एक फक्र की बात होगी। आज धोनी ने काफी समय तक कप्तानी संभालने की कोशिश की थी। काफी बार वो गेंदबाजों से बात कर रहे थे। ऋतराज आई ऍम शुर की बहुत जबरदस्त एक्सपीरियंस लिख कर जा रहे हैं और कप्तानी ट्रांसफर कैसे की जाती है, ये शायद मुंबई इंडियन्स को भी सी एस के सीखना चाहिए।

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